रमज़ान माह का पहला जुमाँ घरों में पढी नमाज

*रमज़ान माह का पहला जुमाँ घरों में पड़ी नमाज*



बदायूँ । लाँकडाउन के चलते मस्जिदें बंद होने की बजह से लोगों को रमज़ान मुबारक माह की भी इबादत घर में ही करना पड़ रही हैं। मुसलिम समाज़ में जुमाँ की नमाज़ खास इबादत में मानी जाती है और जुमा की नमाज़ घर में नहीं बल्कि मसजिद में ही अदा हो सकती है। मुस्लिम लोग 22 मार्च से मस्जिदें बंद होने की बजह से अपने अपने घरो में नमाज़े अदा कर रहे हैं। आज रमज़ान मुबारक माह के पहले जुमें को जुमें की नमाज अदा नहीं हो पाने का लोगो को बहुत मलाल हुआ। लोगो ने अपने मकानों में ही जुमें की जगह जुहर की नमाज़ अदा कर कोरोना महामारी के खातमें की दुआयें मांगी। अल्लाह के करम से आज सात रोजे भी मुकम्मल हो गये जुमाँ-ए-अलविदा और ईद भी आने ही बाली है। लोगो का मानना है कि अगर हालात नहीं सुधरे तो अलविदा और ईद की नमाज़े भी क्या घरों में ही पडना पडेंगी। रोजदारों ने जुहर की नमाज़ अदा करने के बाद अल्लाह से कोरोना को खतम कर अलविदा और ईद की नमाज़ मस्जिदों में अदा होने की दुआयें मांगी ।