जूनियर इन्जीनियर जल निगम भर्ती प्रकरण में राज्य पिछडा वर्ग आयोग से न्याय न मिलने के पश्चात वंचितों ने राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग का खटखटाया दरवाजा,आयोग के सदस्य कौशलेन्द्र पटेल जी को मेल के माध्यम से भेजा पत्र|

जूनियर इन्जीनियर जल निगम भर्ती प्रकरण में राज्य पिछडा वर्ग आयोग से न्याय न मिलने के पश्चात वंचितों ने राष्ट्रीय पिछडा वर्ग आयोग का खटखटाया दरवाजा,आयोग के सदस्य कौशलेन्द्र पटेल जी को लिखा पत्र| बदायूँ|नियुक्ति विज्ञप्ति 10-5-2013 के सापेक्ष उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा की गई भर्तियों में आरक्षण अधिनियम 1994की धारा 3 (6) का अनुपालन न कियेे जाने के कारण हम पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थी सामान्य वर्ग अभ्यर्थियों (जिनकी नियुक्ति की गई है) से अधिक अंकों के बावजूद नियुक्ति से वंचित कर दिए गए । पिछड़ा वर्ग विकास परिषद द्वारा सूचना के अधिकार के तहत विभाग से जानकारी प्राप्त करने पर हम सभी को जानकारी मिली कि अनारक्षित पदों के विरुद्ध किसी भी ओबीसी अभ्यर्थी को अनारक्षित मेरिट में आने के बावजूद नियुक्ति नहीं दी गई। इन्टरव्यू में भी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को चालीस अंक तक बुलाया गया जबकि ओबीसी अभ्यर्थियों को चौवालिस अंक तक ही बुलाया गया। परिषद पदाधिकारियों ने मामले को राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के संज्ञान में लाया। सुनवाई के दौरान नियुक्ति अधिकारी मुख्य अभियंता (अ-2-2) तथा तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक ने दिसंबर 2013मे आयोग के समक्ष स्वीकार किया कि उनसे गलती हुई है। लेकिन प्रबन्ध निदेशक दिसम्बर 2013में और नियुक्ति अधिकारी मुख्य अभियंता (अ-2-2) जनवरी 2014में बिना गलती सुधारे सेवानिवृत्त हो गए। जनवरी 2014में नये प्रबन्ध निदेशक ने गठित कमेटी की रिपोर्ट पर दोषी मुख्य अभियंता को सेवा निवृत्ति के दिन शो कार्य नोटिस दिया परिणाम स्वरूप अगले दिन प्रबन्ध निदेशक महोदय को ही उनके पद से श्री आजम खान तत्कालीन नगर विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार एवं अध्यक्ष उत्तर प्रदेश जल निगम ने हटा दिया। अप्रैल 2014में कुछ नियुक्तियां और मई 2015में 40और 44अंकों के बीच वाले 519सिविल ओबीसी अभ्यर्थियों और 49विद्युत/यांत्रिक अभ्यर्थियों के इन्टरव्यू विभाग द्वारा कराते गये परन्तु उनमें से भी अधिक अंक वालों को नियुक्ति नहीं दी गई। वंचित एस सी एस टी अभ्यर्थियों की अपील पर जुनियर इंजीनियरों की दो दिन तक सुनवाई के दौरान विभाग ने कोर्ट को लिख कर दिया कि वंचित जूनियर इंजीनियरों का समायोजन कर लेंगे लेकिन आज तक उक्त समायोजन किया नहीं। 147जूनियर में से सिर्फ तिहत्तर जूनियर इंजीनियरों को निकालने का नोटिस दिया गया था जो आज भी उसी स्टे पर कार्य कर रहे हैं। विभाग ने पांच वर्ष में स्टे वैकेट कराने का कोई प्रयास नहीं किया। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग उत्तर प्रदेश में अन्तिम सुनवाई के तीन दिन पूर्व जून2017 में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष श्री राम आसरे विश्वकर्मा जी का त्यागपत्र वर्तमान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ले लिए जाने के फलस्वरूप आज तक आयोग अध्यक्ष विहीन है। अत: आपसे निवेदन है हम वंचित अभ्यर्थियों को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सहयोग से न्याय दिलाने की कृपा करें।