महंगाई के मुद्दे पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

बस्ती|महंगाई के मुद्दे पर किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा| कई तरह से अर्थभार के दबाब के कारण किसानो का क्रोध चरम पर है। हर तरफ से महगाई की मार झेल रहे किसानो ने महंगाई से संबंधित बिभिन्न मुद्दो जैसे-डीजल मुल्य वृद्धि,बिजली की दरवृद्धि,वाहनो पर किये जाने वाले भारीभरम चलान,किसानो को नलकूप के सामान न मिलने,अनाजो कि किमत महगाई की तुलना में कम मिलना,किसानो के अनाज न बिक पाना और पुलिसिया शक्ती से जनता को हो रही परेशानी आदि के समाधान होने तक 30 जून को *भारतीय किसान यूनियन* तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन करेगी। इस संबंध में "भाकियू"के राष्ट्रिय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि- देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि डीजल की कीमत पेट्रोल से ज्यादा है। उन्होने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 2014 में महंगाई को मुद्दा बनाने वाली भाजपा आज महंगाई पर चुप है। किसानों की फसलों की खरीद नहीं हो पा रही है। किसानों को महगाई के अनुरूप दाम नहीं मिल पा रहे है। किसानों को सरकार कोई राहत नहीं दे पा रही है। श्री टिकैत ने सरकार को नसिहत देते हुए कहा कि सरकार का कार्य जनकल्याण होता है, पर सरकार विपरीत परिस्थितियों में भी जनता की जेब से टैक्स के नाम पर पैसा निकालकर खजाना भर रही है। सरकार पब्लिक लिमिटेड कंपनी की तरह कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि आज डीजल पर लगभग 50 रुपए की एक्ससाइज ड्यूटी वसूली जा रही है। सरकार तेल और बिजली पर व्यापार कर रही है। पुलिस जनता की गलती पर भारी रकम वसूल रही है। ऐसा लगता है जैसे सरकार का मकसद गलती सुधारना नहीं वल्कि जुर्माना वसूलना है। जनता अब विरोध के लिए तैयार है। इन सबके खिलाफ भारतीय किसान यूनियन अब चुप रहने वाली नहीं है। जनता के साथ अन्याय में भाकियू संघर्ष के लिए तैयार है।