सादगी से मनाया गया हजरत छोटे सरकार का उर्स ,चंद पीरजादाओं को ही मिली उर्स में शिरकत की अनुमति

सादगी से मनाया गया हजरत छोटे सरकार का उर्स



चंद पीरजादाओं को मिली उर्स में शिरकत की अनुमति



बदायूँ|अफज़ल अज़ीज़ खाँन बदायूँ । दुनियां भर में मशहूर हजरत ख्वाज गाह सय्यद अबूबकर बदरुद्दीन शाह विलायत छोटे सरकार रहमतुल्लाह अलैह का 751वां सालाना उर्स -ए-पाक लाँकडाउन की स्थिति में बडी ही सादगी के साथ शानोशौकत से मनाया गया । जिला प्रशासन ने दरगाह के चंद पीरजादाओं को ही उर्स की रस्म अदा करने की अनुमति दी है।
नगर के मौहल्लाह कुबूल पुरा के समीप स्थित हजरत छोटे सरकार की दरगाह पर पर हर साल रमज़ान मुबारक माह की 21 - 22 तारीख में सालाना उर्स की महफिल सजाई जाती है। उर्स में दुनियाभर से सभी धर्मों के हजारों अकीदतमंद जायरीन आकर हाजरी करते हैं। और फैज पाते हैं। लोगो का मानना है कि हजरत छोटे सरकार और हजरत बडे सरकार के आस्ताने की हाजरी करना बड़ा सबाब है। और इन दरगाहों की हाजरी कभी खाली नहीं जाती है  सच्चे दिल से मांगी गई दुआ व मन्नत जरूर पूरी होती है। जिसको मद्देनजर रखते हुये उर्स के अलावा भी बाराहो महीने यहां बड़ी भीडभाड रहती है जिससे इन दरगाहों पर उर्स जैसा मौहौल दिखाई देता है।  यहाँ सभी धर्मों के अकीदतमंद लोग आकर हाजरी करते हैं और  फैज भी पाते हैं।
मगर कोरोना महामारी की वजह से  लाँकडाउन के चलते जिला प्रशासन द्वारा इन दरगाहों को लम्बे समय से पूरी तरहां बंद कर रखा है। और लोगो के आने जाने पर भी पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही यहां पुलिस फोर्स भी पूरी तरहा  तैनात है। प्रशासन द्वारा दरगाहों की साफ सुथराई के लियें दरगाह के चंद पीरजादाओं को ही दरगाहों पर आने की अनुमति दी गई है।
सालाना उर्स के मौके पर भी उर्स की रस्म अदायगी के लियें  प्रशासन द्वारा कोई विशेष छूट नहीं दी गई है। दरगाह की साफ सुथराई करने बाले वह चंद पीरजादा ही उर्स की रस्म अदायगी कर रहे हैं।  जिसका दरगाह के सभी पीरजादाओं और अकीदतमंदों को बड़ा मलाल है। सालाना उर्स की रस्म अदायगी भी करना जरूरी है  मगर और पीरजादाओं को  अनुमति नहीं मिलने की वजह से उन चंद पीरजादाओं ने ही उर्स की रस्म निभाई । लोगो के लियें दुआयें खैर के साथ-साथ दुनियाभर से कोरोना महामारी के खत्म हो जाने की दुआ भी की ।


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अकीदतमंदों के दिल मलमलाते रहे


बदायूँ । लाँकडाउन की वजह से  दरगाह छोटे सरकार पर मनाये गये सालाना उर्स में चंद पीरजादाओं के अलावा और किसी को भी उर्स में शिरकत करने का मौका ही नहीं मिला जिसकी वजह से अकीदतमंदों के दिल मलमलाते रह गए। लोगो को उर्स में शिरकत नहीं कर पाने का बड़ा मलाल है।


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लोगो ने घरो पर ही दिलाई कुल शरीफ की फातेहा


बदायूँ । हजरत छोटे सरकार के सालाना उर्स पर चंल पीरजादाओं के अलावा लोगो की हाजरी नहीं हो सकी जिसकी वजह से अकीदतमंद लोगो ने उर्स को मददें नजर रखते हुये अपने-अपने घरो पर ही कुल शरीफ की फातहा दिलाई और फातहा का तबर्रूक तकसीम किया ।


अफज़ल अज़ीज़ खाँन पत्रकार