कृषकों को आपदा राहत दिलायें व मनरेगा मजदूरों को कृषि कार्य में लगायें-चन्द्रमणि पाण्डेय

*कृषकों को आपदा राहत दिलायें व मनरेगा मजदूरों को कृषि कार्य में लगायें-चन्द्रमणि पाण्डेय* *तालाब खुदाई के नाम पर धन का बंदरबांट रोकने टोल चौकडी पर कार्यवाही सहित 5सूत्रीय ग्यापन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को सौंपा* आज समाजसेवी चन्द्रमणि पाण्डेय सुदामाजी ने लाकडाउन के अनुपालन में शोषल डिस्टेंस का अनूठा तरीका अपनाते हुए ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को पांच सूत्रीय ग्यापन सौंप कर तालाबों के सौन्दर्यीकरण,गौशाला संचालन व मास्क वितरण के नाम पर बजट का बंदरबांट रोकने, मनरेगा मजदूरों का प्रयोग वृक्षारोपण व कृषिकार्यों में लेने,दशकों से बंद सरयु नहर को चालू करने तथा शैलून व ठेला पटरी की दुकान खोलने के साथ साथ टोल चौकडी के विरुद्ध कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि पूरे सूबे के साथ साथ जनपद के हर्रैया तहसील के सभी ब्लाकों में जनता की गाढी कमाई से सृजित राजकोष के दुरूपयोग हो रहा है तहसील के सभी ब्लाकों में तालाबों के सौन्दर्यीकरण के नाम पर बजट के दुरूपयोग को रोकने हेतु बीते वर्षों में तालाबों के सौन्दर्यीकरण का व वर्तमान में चल रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण मुझ वादी की उपस्थित में सुनिश्चित कराया जाय क्योंकि एक ही तालाब पर बार बार अलग अलग लोगों द्वारा कार्य कराकर धन आहरित हो रहा है तमाम तालाबों में तो कृषि कार्य भी हो रहा है इतना ही नहीं इस कार्य में लगे मजदूरों को न तो मास्क दिया गया है न ही उनके द्वारा उचित दूरी का पालन हो रहा है उन्होने बताया कि तालाब की तलहटी की चिकनी मिट्टी की खोदाई से जल का भूमिगत रिसाव भी अधिक होता है ऐसे में मनरेगा मजदूरों से तालाब खुदाई की जगह किनारे व खाली पडी जमीन में वृक्षारोपण कराया जाय व इनका प्रयोग कृषिकार्यों में भी लिया जाय ताकि किसानों का कृषि पर श्रम लागत कम हो जनपद में संचालित गौवंशज विहीन व संसाधन विहीन गौशालाओं के नाम पर चल रहे धन आहरण पर लगाम लगायें बडी दुकनों की भांति सडक किनारे ढेले व बोरे पर दुकान लगाने व एकल शैलून की दुकानें खोलने की सशर्त अनुमति दी जाय कारण बंद दुकनों के चलते जहां छोटे व्यवसाइयों के सम्मुख जीविकोपार्जन की समस्या खडी है वही दुकान बंद होने के चलते नाई के घरों पर भीड लग रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को कम कीमत में सिंचाई सुविधा देने हेतु हजारों एकड जमीन में बना सरयु नहर प्रति वर्ष साफ तो होता है मगर दशकों से पानी नही आ रहा है ऐसे में नहरो को संचालित किया जाय या किसानों को उनकी भूमि वापस कर दी जाय इस वर्ष बेमौसम वारिस व ओलावृष्टि के चलते किसानों को लागत के सापेक्ष उत्पादन नहीं मिल पाया है उपर से कोविड-19के संक्रमण के चलते किसानों की अर्थव्यवस्था और विगड गई है पलतः कृषकों को आपदा राहत देने के साथ साथ उनका विद्युतबिल व अन्य बकाया माफ किया जाय श्री पाण्डेय ने कहा कि उनके सैकड़ों शिकायतों धरना प्रदर्शन व उसके क्रम में मिले आश्वासन के बाद भी न तो आज तक तालाब की जमीन पर निर्मित 60किमी मानक के विरुद्ध स्थापित टोल चौकडी हटाया गया न ही मुरादीपुर चौराहा हर्रैया सहित जनपद के प्रमुख चौराहों पर अण्डरपास बना तथा न ही अण्डरपास के अभाव मे दुर्घटना के शिकार लोगों को प्रतिपूर्ति मिला यहां तक कि हर्रैया नगरपंचायत मे मुरादीपुर चौराहे पर हाईवे किनारे स्थित सर्विस रोड में व्याप्त सुरंग को भी आज तक ठीक नहीं किया गया जिसके चपेट में आकर कुछ दिन पूर्व मैं स्वंम् चोट खा गया था इतना ही नहीं आगे भी दुर्घटना की सम्भावना बनी हुई है उन्होंने ने उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु स्थानीय व शासन स्तर से शीघ्र निस्तारण की मांग की उन्होंने कहा कि उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु जरूरत पडी तो लाकडाउन उपरांत जमीनी संघर्ष भी होगा