कोरोना का मरीज सहानुभूति का पात्र है नफ़रत का नही

कोरोना का मरीज सहानुभूति का पात्र है नफ़रत का नही-


चीन से चलकर पूरी दुनिया मे महामारी के रूप में फैल चुका कोरोना अपने देश में भी अच्छी खासी तादाद में फैल चुका है,ज़ाहिर बात है जानकारी के मुताबिक़ ये किसी गलत काम की वजह से नही बल्कि संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से इंसानों में फैलता है,किसी भी दूसरी बीमारी की तरह ही कोरोना भी इंसान को अपनी चपेट में लेता है तो ज़ाहिर बात है उस इंसान से नफरत तो नही की जानी चाहिए बल्कि उसका इलाज और उसके लिए ईश्वर अल्लाह से दुआ की जानी चाहिए,WHO और डॉक्टरों के अनुसार इस बीमारी से बचने का सबसे बेहतर तरीक़ा सोशल डिस्टेंस रखना है और उसके लिए ही हमारी सरकार ने लॉक डाउन देश भर में कर रखा है जिसका तकरीबन लोग पालन भी कर रहे है और करना भी चाहिए,अगर किसी इंसान को कोरोना जैसे लक्षण जिसमे खांसी बुखार गले मे जकड़न है तो क्वारन्टीन में जाने और टेस्ट कराने में ही समझदारी है कियूंकि ऐसा न करके हम सबसे पहले अपने खुद के परिजनों को ही मौत के करीब धकेलते हैं जिनके साथ हम चौबीसों घण्टे साथ मे रह रहे हैं,अगर हमारे लक्षणों को देखते हुवे प्रशासन हमे क्वारन्टीन करने की पहल करता है तो हमको उनके फैंसले का सम्मान करना चाहिए न कि विरोध,
लेकिन महामारी के इस दौर में हालात इतने खतरनाक हो चुके हैं कि अगर किसी पड़ोसी के घर मे नॉर्मली भी कोई खांस दिया तो पड़ोसी पुलिस प्रशासन को फोन कर देता है कि मेरी पहचान गुप्त रखी जाए फलाने के घर मे कोरोना का मरीज़ है,ऐसे बहुत सारे किस्से सुनने और पढ़ने में भी  आ रहे है जिनकी वजह से पड़ोसियों में भी नफ़रत और खुन्नस का माहौल पैदा हो रहा है और लड़ाई झगड़े तक हो रहे हैं,मतलब खांसी की एक अवाज़ भी पड़ोसी से खुन्नस निकालने की वजह बनती जा रही है जो कि नही होनी चाहिए,कोरोना हर मज़हब हर ज़ात हर उम्र के लोगों को हो सकता है और जिसको हो जाये उससे नफ़रत नही बल्कि उसकी सेहत के लिए दुआ की जानी चाहिए उसके बाक़ी परिजनों की मदद और उनके लिए सहानुभूति की जानी चाहिए,याद रखिये कोरोना से डरना नही है बल्कि मज़बूती से लड़ना है और इस बीमारी को उखाड़ फेंकना है,हमको ये साबित करना है कि भारतवासियों ने धर्म ज़ात बिरादरी रंग रूप से अलग हटकर मज़बूती के साथ मिलकर  लड़ाई लड़ी और कोरोना जैसी भयंकर बीमारी को अपनी जड़ें नही जमाने दी और कोरोना को उखाड़ फेंका,मुझे उम्मीद ही नही पूरा विश्वास है कि हम इस मुहिम में कामयाब होंगे और जल्द बहुत जल्द कोरोना मुक्त देशों की फेहरिस्त में सबसे पहले और सबसे आगे खड़े मिलेंगे!!
आशीष Kr. उमराव पटेल 
ऐकडेमिक & कैरियर मेंटोर