रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर देर रात्रि तक चला आनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन।

रानी लक्ष्मीबाई का है अमर आज भी नाम। रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर देर रात्रि तक चला आनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन। देशभक्ति के गीतों की वही बयार। रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस पर क्षत्रिय महासभा बदायूं के तत्वावधान में आनलाइन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता क्षत्रिय महासभा बदायूं के जिला संयोजक मुनीश कुमार सिंह ने की। मुख्य अतिथि के रूप में क्षत्रिय महासभा उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष डॉ सुशील कुमार सिंह उपस्थित रहे। संचालन कवि उज्ज्वल वशिष्ठ ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ श्रीमती कविता चौहान (चंदौसी) ने किया : हे स्वर की देवी मां वाणी में मधुरता दो, मैं गीत सुनाती हूं संगीत की शिक्षा दो। सुश्री सोनल वर्मा (उत्तराखंड) ने पढ़ा : धरती चीख कर कह रही है महामारी से देश लड़ रहा है बीमारी से यह वक्त भी गुजर जायेगा यह वक्त भी गुजर जायेगा। अखिलेश ठाकुर (वजीरगंज ) ने पढ़ा : शत्रुओं को रानी की जवानी में जवानी दिखी बाजुओं में वीर दिखा वीर परिपाटी का। साध्या शंखधार (चंदौसी) ने पढ़ा : चाबुक से हिला कर रख देती सिंहासन दुश्मनों का वाराणसी में जन्मी मनुवृत्ति संघार करती है उलझनों का। षटबदन शंखधर (बदायूं) ने पढ़ा : देशहित वैरियों का जिसने विनाश किया प्राणों से भी प्यारा उसे अपना चमन था। अभिषेक औेदिच्य (शाहजहांपुर ) ने पढ़ा : अश्व पे सवार हो परम बलिदानी चली हार कभी मानने ना वाली स्वाभिमानी चली लोहू पान करने को केसरी जवानी चली पूत पीठ बांध जब झांसी वाली रानी चली। आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ (मुरादाबाद) ने पढ़ा : गांधीवादी दर्शन के गीत नहीं भाते हैं जी रंग दे बसंती वाले अब गीत हमें आते हैं जी। उज्ज्वल वशिष्ठ (बदायूं) ने पढ़ा : यह है हिंदुस्तान हमारा प्यारा हिंदुस्तान इसकी मिट्टी ने सुभाष शेखर सरदार दिए हैं भारत मां की रक्षा करने को अवतार दिए हैं यह है हिंदुस्तान हमारा प्यारा हिंदुस्तान। कार्यक्रम संयोजक व क्षत्रिय महिला सभा की जिला महासचिव सरिता चौहान (बदायूं) ने पढ़ा : मैं नदिया हूं सफर दिन रात ही करती रही हूं मैं जो राहों में मिले पत्थर से भी डरती नहीं हूं मैं ख्यातिलब्ध कवि पवन शंखधर (बदायूं) ने पढ़ा : आजादी दिलाने हेतु कुर्बान जान दे दी। ऐसी वीर बेटी की कहानी को नमन है। गरिमा सक्सेना (बैंगलोर) ने पढ़ा : बेटियों की आन है वो बेटियों की शान है वो अटल गुमान है वो रानी लक्ष्मीबाई है, विजय कटार थी वो शत्रु का संहार थी वो देश का श्रंगार मर्दानी लक्ष्मीबाई है। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए क्षत्रिय महासभा बदायूं के जिला संयोजक मुनीष कुमार सिंह प्रेम ने पढ़ा : सन् सत्तावन में हुआ स्वतंत्रता संग्राम रानी लक्ष्मीबाई का अमर आज भी नाम वह झांसी वाली रानी थी वह झांसी वाली रानी थी। अतुल कुमार शर्मा (संभल) ने पढ़ा : विश्व में लहराए पताका ऐसी राजधानी चाहिए व्यवस्थाओं को जो बदल डाले ऐसी जवानी चाहिए। श्रोता के रूप में हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट, आचार्य प्रताप सिंह, आनन्द सिंह,डी पी सिंह राणा, अखिलेश चौहान, वेदपाल सिंह कठेरिया, विजय रतन सिंह,आर्येन्द्र पाल सिंह,वीर प्रताप सिंह,अभय प्रताप सिंह,डाल भगवान सिंह, विपिन कुमार सिंह, अवनीश कुमार सिंह, राकेश सिंह, मीनाक्षी सिंह, राजपाल सिंह, रामसरन सिंह, जितेंद्र सिंह, डॉ वी के सिंह, कैलाश सिंह गौर, धर्म वीर सिंह, जगमोहन सिंह, रतनवीर सिंह, सुखवीर सिंह भदौरिया, विजय पाल सिंह, अखिलेश सोलंकी,भानुप्रताप सिंह, ललतेश सिंह, सतेन्द्र सिंह, गिरीश पाल सिंह, करूणा सोलंकी, मृदुला सिंह, सत्यवीर सिंह, मनोज कुमार सिंह, शेर बहादुर सिंह, मनोज चन्देल, धर्मेंद्र सिंह वैध, आदि उपस्थित रहे। अन्त में कार्यक्रम संयोजक क्षत्रिय महिला सभा की जिला महासचिव सरिता चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।