सेनापति और सैनिकों के बिना टिड्डी दल के हमले को नाकाम करने में लगीं है कृषि विभाग की सेना

बदायूँ|सेनापति और सैनिकों के बिना टिड्डी दल के हमले को नाकाम करने में लगीं है कृषि विभाग की सेना। कागजी तैयारी से टिड्डी हमले को किया जाएगा विफल। अन्य आपदाओं के साथ ही एक और प्राकृतिक आपदा इस समय भारत में आयी हुई है और वह है टिड्डी दल का भारत के कई राज्यों में हमला। भारत सरकार ने इसके लिए निर्देश जारी किए हैं,अलर्ट रहने को कहा गया है,ऐसी आकस्मिक आपदा से निपटने के लिए जो तैयारियां सदैव रहनी चाहिए,उन तैयारियों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। केन्द्र सरकार में केन्द्रीय कृषि मंत्री हैं, राज्य मंत्री भी हैं, कृषि विभाग में केन्द्र स्तर के अधिकारियों के भी सारे पद भरे हुए हैं।इस कारण उन्होंने एडवाइजरी/निर्देश जारी कर अपने दायित्वों का निर्वहन कर लिया। इसी प्रकार राज्य में भी कृषि मंत्री, राज्य मंत्री व राज्य स्तरीय अधिकारियों के पद रिक्त नहीं है,अस्तु उन्होंने भी एलर्ट रहने के निर्देश जारी कर दिए। मन्डल स्तर पर भी अधिकारियों का टोटा नहीं है, इसलिए उन्होंने भी निर्देश जारी कर अपने दायित्वों की इति श्री कर ली।सभी के द्वारा जारी निर्देशों में एक बात समान है और वह है कि टिड्डी के हमले से निपटने को किसान को ही तैयार रहना है। उत्तर प्रदेश मेंं जिला कृषि रक्षा अधिकारी के लगभग दो तिहाई पद लम्बे समय से रिक्त हैं, प्रभारियों के सहारे काम चलाया जा रहा है। तहसील स्तरीय अधिकारियों की तो स्थिति अत्यंत ही खराब है। कृषि हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है,तब यह स्थिति है कि सरकार कृषि विभाग की ओर गम्भीर नहीं है। जिला स्तरीय, तहसील स्तरीय व ब्लाक स्तरीय अधिकारियों की कमी से जूझ रहा विभाग टिड्डी के हमले से कैसे निपटेगा। बिना सेनापति के, बिना सेना के अथवा उधार के सेनापति और उधार की सेना के सहारे हम टिड्डी से लडने की तैयारी में लगे हुए हैं। आगरा व अन्य जनपदों में जिस तरह की तैयारियां करके टिड्डी के हमले को विफल कर दिया गया,उस तरह की तैयारियां बरेली मंडल में तो दिखाई नहीं दे रही है। उदाहरण के लिए जनपद बदायूं में जिला कृषि रक्षा अधिकारी का पद लम्बे समय से रिक्त हैं, भूमि संरक्षण अधिकारी का पद भी रिक्त हैं, दोनों प्रभार जिला कृषि अधिकारी संभाल रहे हैं,हो सकता है कि इनके अतिरिक्त वह अन्य भी कोई प्रभार संभाल रहे हो। जनपद बदायूं में पांच तहसील हैं किन्तु तहसील स्तरीय अधिकारी मात्र एक ही है। इसी तरह अन्य अनेक जिला, तहसील व ब्लाक स्तरीय अधिकारियों के पद रिक्त हैं।यह स्थिति हमारी सरकार की कृषि के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित कर रही हैं।टिड्डी से निपटने हेतु धरातल पर तैयारियों का अभाव देखा जा सकता है। हरि प्रताप सिंह राठोड़ अधिवक्ता मुख्य प्रवर्तक भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान बदायूँ|