प्रमिला देवी फाउंडेशन के बैनर तले आनलाइन फेसबुक लाइव काव्य गोष्ठी के तेरहवें दिन कवयित्रियों ने सजाया मंच

प्रमिला देवी फाउंडेशन के बैनर तले आनलाइन फेसबुक लाइव काव्य गोष्ठी के तेरहवें दिन कवयित्रियों ने सजाया मंच। प्रमिला देवी फाउंडेशन के बैनर तले आनलाइन फेसबुक लाइव काव्य गोष्ठी के तेरहवें दिन कवयित्रियों ने सजाया मंच। गत दिवस प्रमिला देवी फाउंडेशन (वाराणसी)के बैनर तले आनलाइन फेसबुक लाइव काव्य गोष्ठी में तेरहवें दिन आठ कवयित्रियों ने मंच सजाकरमंच की शोभा बढ़ाई।कार्यक्रम का शुभारंभ रांची झारखंड से पूजा शकुंतला शुक्ला ने किया। उन्होंने अपनी रचना -"सुनो! तुम कौन हो मुझे दिवस स्वपन की भांति" का वाचन किया। वहीं काशी की कवयित्री शिवा सिंह ने तुलसी की महत्ता को लेखनी से उतारा। वही बदायूं की प्रसिद्ध कवयित्री एवं मंच संचालिका डॉ शुभ्रा माहेश्वरी बदायू ने 3 बजे से 3.30 तक काव्य पाठ किया। लाइव रही डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने नारी की महिमा बखानते हुए अपने दोहे में कहा- प्रश्नों की पोथी बनी, उत्तर मिला ना कोई । सच्चाई सूली चढ़ी ,भर-भर आंसू रोए।।तत्पश्चात ज्ञानपुर भदोही से प्रतिभा सिंह ने जीवन के संघर्षों को लेकर उठती दुविधा को पढ़ा।तो शिवानी सिंह (नोएडा)ने कहा हम स्त्रियां ये हमारे हक में आई मुट्ठी भर आजादी। रायपुर छत्तीसगढ़ से उर्मिला शुक्ल ने काशी से मनी बेन ने काव्यपाठ कर श्रोताओं तक अपनी रचनाये पहुंचाईं। कवयित्रियों का स्वागत , आभार संस्था की अध्यक्ष पायल सोनी ने किया। डॉ शुभ्रा माहेश्वरी कवयित्री/मंच संचालिका बदायूं