जुमाँ-ए-अलविदा पर मस्जिदें बंद घरो में ही अदा की नमाज़,जमाअत से नमाज अदा नहीं करने का मलाल,ऑख से निकले ऑसू

जुमाँ-ए-अलविदा पर मस्जिदें बंद घरो में ही अदा की नमाज़ जमाअत से नमाज़ अदा नहीं करने का मलाल .. आंख से निकले आंसू फोटो . बदायूँ । कोरोना महामारी की वजह से लाँकडाउन के चलते दो महीनों से मस्जिदें बंद हैं। लोगो को मस्जिदों में जमाअत से जुमाँ-ए-अलविदा की नमाज़ नहीं होने का बडा मलाल है। घरों पर नमाज़ अदा कर लोगो की आँखों मे आंस आ गये। रमज़ान मुबारक माह के आखिरी जुमें को जुमाँ-ए-अलविदा कहा जाता है। अलविदा का मतलब है रहमतो और बरकतो के महीने को विदा होना । अलविदा के दिन तमाम मस्जिदे नमाजियों से गुलजार दिखाई देती हैं। इस दिन दुनियां भर में बच्चो से लेकर बडे-बूढ़े तक सुबह होते ही जुमाँ-ए-अलविदा की तयारिया करते दिखाई देते हैं। नये नये कपडे पहनकर मस्जिदों में भी लोग जमाअत से पहले ही पहुचंना शुरु कर देते हैं। मगर इस साल कोरोना लाँकडाउन के चलते पिछले दो महीने से मस्जिदें बंद हैं। और लोगो को अपने घरों पर ही नमाज़े अदा करना पड रही हैं। आज रमजान मुबारक माह के आखिरी जुमें के दिन लोगों को मसजिदों में अलविदा की नमाज़ जमाअत से अदा नहीं करने का बडा मलाल है। घरो पर नमाज़ अदा करने के बाद लोगों की आँखों से आँसू बहना शुरू हो गये और लोगो ने रो रो कर कोरोना के खातमें की अल्लाह से दुआयें मांगी ।


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