*जिसने अपने को वश में कर लिया है।उसकी जीत को देवता भी हार में नही वदल सकते: बुद्ध*

*जिसने अपने को वश में कर लिया है।उसकी जीत को देवता भी हार में नही वदल सकते :बुद्ध*
आज बिल्सी नगर में ममता शाक्य सदस्य जिला पंचायत एवं जिला योजना समिति बार्ड 29 बाँस बरौलिया बदायूँ के प्रतिनिधि चंद्र शेखर उर्फ टिंकू शाक्य के आवास पर त्रिविद पावनी बुद्ध पूर्णिमा व 2583वीं बुद्ध जयन्ती मनायी गई। सर्वप्रथम भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर धूप व डीप प्रज्वलित कर तपश्चात बुद्ध वंदना की। टिंकू शाक्य ने कहा कि भगवान बुद्ध का जन्म ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण दिवस यह तीनों एक ही दिन अर्थात वैशाख पूर्णिमा को ही हुए थे। विश्व में ऐसा किसी अन्य महापुरुष व दार्शनिक के साथ आज तक नहीं हुआ है बुद्ध अपने मानवतावादी एवं विज्ञानवादी बौद्ध धम्म दर्शन से दुनिया के सबसे महान दार्शनिक थे। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी आज बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में 180 करोड़ से भी अधिक लोग हैं लगभग 90 देश भी बौद्ध धर्म को मानते हैं। सभी महापुरुष कहते हैं कि भगवान बुध्द सब के थे और सब उनके थे। इनके पिता कपिलवस्तु के महाराजा शुद्धदोन ब माता महारानी माया थी। वरिष्ठ समाज सेवी राजाराम शाक्य ने बताया कि 
जब समाज में अत्याचार, अनाचार अशान्ति, अज्ञान, अंध विश्वास और रूढ़ियाँ जड़ जमा लेती हैं, तब कोई न कोई महापुरूष समाज में इन कुरीतियों को दूर करने के लिए जन्म लेता है। महात्मा गौतम बुद्ध भी ऐसे ही काल में पैदा हुए थे जब समाज में अनेक प्रकार की कुरीतियों अपना दुष्प्रभाव दिखा रही थीं। उन्होंने समाज में अहिंसा, प्रेम, त्याग और शान्ति का संदेश देकर इन कुरीतियों को दूर करने का प्रयत्न किया। यह कार्यक्रम बिल्सी क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर भी फिजिकल डिस्टेंस व लॉक डाउन का पालन करते हुए  मनाया गया। इस मौके पर राकेश शाक्य रितु शाक्य छत्रपाल कश्यप मौजूद थे।