*डीएम साहब लाँकडाउन से टूटी है कमर, बच्चों की फीस कहां से भरेंगे*
बदायूँ । कोरोना महामारी की वजह से जनता पिछले डेढ़ माह से लाँकडाउन के चलते अपने अपने घरों में पैक है। धंधा पानी में भी ताले पडे हुये हैं। लोगो के पास जमापुंजी न जाने कब से खतम हो चुकी है। लोग अपने अपने परिवार के खाने पीने का खर्चा भी कैसे चला रहे है। यह भु किसी का हाल किसी को नहीं पता है। कुछ परिवारों में तो खाने के भी लाले पड गये हैं। मगर लोग समाज में अपनी व अपने परिवार की इज्ज़त बनाये रखने के लियें झूठी हसीं का सहारा लेकर कौन सी जिंदगी जी रहे है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बड़े बूढो की पुरानी कहावत कब्र का मुर्दा ही जानता है आज के दौर को देखते हुये बिल्कुल सही साबित हो रही है। लम्बे समय से चल रहे लाँकडाउन का सबसे बुरा असर मिडियम वर्ग के लोगो पर पडा है। क्योंकि पैसै बालो को तो इस लाँकडाउन की कोई चिंता ही नहीं है और गरीब व मजबूर लोगो की तो प्रशासन व समाजसेवी लोग खूब मददें भी कर रहें है। मगर मिडियम लोगो का गुजर वसर ऊपर बाले के सहारे चल रहा है। मिडियम वर्ग के लोग अपने परिवार को कैसे चला रहे हैं यह किसी को नहीं पता है। और उनका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।
शुक्रवार को लोगो का हाल जानने की कोशिश करते हुये अफज़ल अज़ीज़ खांन को कुछ लोगो से गुफ्तगू करने का मौका मिला तो लोगो ने भी दिल की सुना दी।
अफसर अली खां ने बताया कि मालिक का बड़ा अहसान है कि जिस हाल में भी कट रही है जिंदगी सही कट रही है। बस यही दुआ करते हैं मालिक सबको सही रखे और किसी का मौताज न बनाये। उन्होंने कहा बदायूँ के डीएम साहब को चाहिए कि मार्च से जून माह तक की बच्चों की स्कूल की फीस माफ करा दें। बच्चों की फीस लोगो के लियें बड़ा पहाड़ है।
मौहम्मद शहजाद ने कहा अल्लाह का बड़ा अहसान है कि अभी तक सब सही सा चल रहा है कोई ऐसी परेशानी भी नहीं है। जो किसी से साझा करा जाये बस मालिक से यही दुआ है कि किसी को किसी के आगे मजबूर न होना पड़े। लोगो की परेशानी के चलते डीएम साहब को बच्चों की फीस माफ करा देना चाहिए।
अब्दुल तौहीद खाँन ने बताया की बिना मालिक की मरजी से एक पत्ता भी नहीं हिलता है। मालिक जो भी करता है अच्छा ही करता है पता नहीं इसमें भी मालिक की क्या मरजी है। बस मालिक से यही दुआ रहती है कि ऐ मालिक तछ अपने सब बंदो पर अपना करम बनाये रखना ।
मोहम्मद अथर चौधरी का कहना है कि लम्बे समय से लाँकडाउन के चलते लोग अंदर ही अंदर पूरी तरहा टूट चुके हैं। जिला प्रशासन को चाहिए की मीडियम वर्ग के लोगो की तरफ भी ध्यान देने की जरुरत है। उन्होंने कहा लोग बहुत परेशान है जिसके चलते बच्चों की फीस माफ होना भी जरूरी सा है।
नितिन वर्मा का कहना है कि धंधा पानी बंद होने से लोगो ने अपनी जुडी जुडाई जमांपुंजी भी परिवार के ऊपर खर्च कर दी है। और आज के समय में लगभग सभी लोग अंदर से खोखले से है। बच्चों की पड़ाई के लियें लोगो को डीएम साहब की दया की बहुत जरूरत है।
बब्लू भाई का कहना है कि अगर लाँकडाउन की अवधि और बड़ा दी गई तो पता नहीं मीडियम वर्ग के लोगो का क्या होगा छोटे मोटे धंधा पानी करने बाले लगभग सभी लोग अंदर से पूरी तरहा खोखले से हो गये है। मालिक सब लोगो पर करम करे और रहम करे। यही हमारी दुआ है।