भसुंदरा प्रकरण में मजिस्ट्रेटी जांच और पुनः पोस्टमार्टम की मांग - जिला पंचायत सदस्य डाॅ. शकील अहमद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

भसुंदरा मामला:
मजिस्ट्रेटीजांच और पुनः पोस्टमार्टम की मांग


- जिला पंचायत सदस्य डाॅ. शकील अहमद ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र


बदायूँ|जिला पंचायत सदस्य डाॅ. शकील अहमद ने थाना उसहैत के गांव भसुंदरा में पुलिस प्रताड़ना से हुई बुजुर्ग की मौत पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की निष्पक्ष मजिस्ट्रेटी जांच, अन्य किसी मेडिकल कॉलेज से पुनः पोस्टमार्टम कराने और पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये बतौर मुआवजा दिलाने की मांग की है। 
   डाॅ. शकील अहमद ने पत्र में लिखा है कि उसहैत थाने की पुलिस टीम ने बदसुलूकी करते हुए अवैध वसूली के मकसद से गोकशी का आरोप लगाया। साथ ही परिवार के सदस्यों तथा महिलाओं के साथ गाली-गलौज करते हुए मारपीट भी की। वृद्ध अब्दुल बशीर को इतनी निर्ममता के साथ पीटा कि उनकी मौत हो गई। इस संवेदनहीनता और निरंकुशता की जितनी निंदा की जाए कम है। इससे जाहिर होता है कि उसहैत पुलिस की नजर में शासन-प्रशासन का कोई खौफ नहीं नहीं बचा है और बेरहम पुलिस का असली चेहरा सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ कोविड-19 संक्रमण के कारण लाॅकडाउन में सभी मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उसहैत पुलिस जनता के साथ हमदर्दी बरतने के बजाय गरीब, मजदूर, किसान और बेसहारा लोगों का जमकर शोषण कर रही है। निरंकुश पुलिस स्टाफ पर नियंत्रण नहीं लगाया तो गरीब, मजदूर, किसान और बेसहारा लोगों का शासन-प्रशासन से भरोसा उठ जाएगा। 
   इसके अलावा जिला पंचायत सदस्य ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी शक जताया है। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग की मौत को सामान्य बताने वालों के जवाब में पीड़ित परिवार ने चोटों के निशान के वीडियो जारी किए हैं, जो मृतक के साथ बेरहमी से मारपीट बयान कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि धन लोभियों की नजर में इंसानी जिंदगी की कोई कीमत नहीं है और मौतों के मामले में तथ्यों को छिपाया जा रहा है। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री से मामले की निष्पक्ष मजिस्ट्रेटी जांच और पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है।