*खाद सामग्री व पेय पदार्थ आदि के वितरण से जुड़ी बच्चों की फोटो व पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रदर्शित ना किए जाये:राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग*

*खाद सामग्री व पेय पदार्थ आदि के वितरण से जुड़ी बच्चों की फोटो व पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रदर्शित ना किए जाये*


करोना वायरस (कोविड-19) की रोकथाम हेतु चल रहे लोगों ने प्रदेश मैं तमाम संस्थाओं व जनमानस द्वारा जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री का वितरण किया जा रहा है, जो कि एक सराहनीय कार्य है। किंतु इनके द्वारा खाद सामग्री के वितरण में नाबालिक बच्चों से जुड़ी फोटो सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की जा रही है।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम-2015 की धारा 13 (1) के अंतर्गत आयोग द्वारा स्वत: संज्ञान लिया गया कि कुछ सामाजिक संस्थाएं व कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों को वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्री व पेय पदार्थ आदि के वितरण से जुड़ी बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर प्रकाशित कर रहे हैं।


इस संबंध में आयोग द्वारा जनपद फर्रुखाबाद के एक निवासी श्री मोहन अग्रवाल द्वारा बच्चों को खाद्य सामग्री अथवा पेय पदार्थ के वितरण से जुड़े मामला संज्ञान में आया है। उनके द्वारा कुछ नाबालिक बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई है। बच्चों की इस स्थिति में फोटो सोशल मीडिया पर पोस्ट करने पर प्रतिबंध लगाया जाना आवश्यक है। नि: संदेह बच्चों को सम्मान से जीने का अधिकार है इस तरह इनका उपहास उड़ाया जाना किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 में अपराध की श्रेणी में आता है।


अत: अनुरोध है कि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति अपने जिले बदायूं में न हो इसलिए इस संबंध में एक अपने अखबार के माध्यम से यह प्रकाशित करने का कष्ट करें कि कोई भी सामाजिक संस्था एवं कार्यकर्ता किसी भी प्रकार के बच्चों को वितरण किए जाने वाले खाद्य पदार्थ व पेय पदार्थ वितरण की फोटो सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से प्रकाशित ना करें बच्चों की इस तरह की फोटो प्रकाशित करना कानूनन अपराध है।