जिलाधिकारी का आदेश हुआ हवाहवाई
बिना पास बिना मास और बिना गिलप्स के घूमते हैं मौहल्लो मौहल्लो दूध व ठेले बाले
क्या दूघ व ठेलो में नहीं हैं कोरोना महामारी के लक्षण
बदायूँ । कोरोना महामारी के चलते पूरे देश भर में लाँकडाउन की स्थिति कायम है। कोरोना से बचे रहने के लियें 22 मार्च से लोग अपने अपने घरों में पैक हैं। और डिस्टेंस को लेकर लोगो का एक दूसरे से मिलना मिलाना भी पूरी तरहा बंद सा है। इस कोरोना की बीमारी से बचे रहने के लियें मस्जिदों में नमाज़ और मंदिरों में पूजा पर भी प्रशासन की तरफ से पूरी तरहा पाबंदी लगा दी गई है। मुस्लिम लोग अपने घरो में ही नमाज़े पड़ रहे हैं व रमज़ान मुबारक माह के रोज़े रखकर इबारतें कर रहे हैं और हिन्दू लोग भी अपने घरों में ही पूजा पाठ कर मालिक से कोरोना महामारी के जड़ से खातमें की दुआयें कर रहे हैं।
इधर लाँकडाउन को सफल बनाने के लियें प्रशासन व पुलिस फोर्स भी चप्पे पर तैनात है। घर से बाहर निकलने पर पुलिस फोर्स बिना पास और बिना मास बाले लोगो की खूब धुनाई भी कर रही है। प्रशासन का मानना है कि आपसी डिस्टेंस और मास व गिलप्स से ही कोरोना का बचाव है। मगर दुख तो इस बात का है कि दूध बेचने बाले व फल और सबजी बेचने बाले लोग बिना पास , बिना मास और बिना गिलप्स के ही शहर के मौहल्लो मौहल्लो घूमते दिखाई दे रहे हैं। बिना पास बिना मास लगाये हुये मौहल्लो मौहल्लो घूमने बाले ठेले खोंचे बालो की भरमार है। क्या इन बिना मास लगाये ठेले खोंचे बाले लोगो से कोरोना महामारी शहर में नहीं फैलेगी । कहाँ गये जिलाधिकारी महोदय के बिना मास और बिना पास सडक पर नहीं दिखाई देने के आदेश । डीएम साहब इन दूध व फल सबजी बालो की बिना पास बिना मास और बिना गिलप्स मौहल्लो मौहल्लो घूमने पर पाबंदी जरूरी है। अफज़ल खाँन ,,बदायूँ