*भाजयुमो प्रदेश प्रतिनिधि अरविंद तिवारी महतौल को जान का खतरा: गोली चलाने वाले आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर, जान से मारने की धमकी*

*!!.भाजयुमो प्रदेश प्रतिनिधि अरविंद तिवारी महतौल को जान का खतरा: गोली चलाने वाले आरोपी पुलिस गिरफ्त से दूर, जान से मारने की धमकी.!!*
*पंकज पाराशर छतरपुर*
बुंदेलखंड के दिग्गज युवा नेता, भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रतिनिधि अरविंद तिवारी महतौल को लगातार जान का खतरा है, उन पर गोली चलाने वाले अपराधी पुलिस की गिरफ्त से दूर, 307 जैसी संगीन धाराओं का अपराधी नीरज माफीदार  पुलिस से लिंक फंसाकर एफआईआर से नाम कटवाने की फिराक में।आपको बता दें कि बीते हप्ते यानी  कुछ दिवस पूर्व अरविंद तिवारी अपने आदर्श नगर चौबे कॉलोनी के निवास पर खड़ा था तब वहां सफेद मोटरसाइकिल से अंकित माफीदार, नीरज माफीदार एवं एक अन्य मुंह पर तोलिया बांधे आया था, जिसने अवैध गैर लाइसेंसी बंदूक( कट्टे) से फायर किया था जिससे अरविंद तिवारी बाल बाल बचे थे एवं गोली चलने की आवाज सुनते ही लोगों के इकठ्टा होने पर अपराधी भाग खड़े हुए थे,
 "मीडिया में भी यह गोलीकांड सुर्खियों में रहा था की भूतपूर्व वरिष्ठ भाजपा नेता महेश महतोल के छतरपुर निवास पर चली गोली"
 बीते दिवस 7 अप्रैल की यह घटना झकझोर देने वाली थी हालांकि सिविल लाइन थाना टीआई विनायक शुक्ला ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपराधियों के खिलाफ तुरंत एफ आई आर दर्ज की थी, किंतु हफ्ते बीत जाने के बाद भी अपराधियों का पुलिस गिरफ्त से दूर होना पुलिस की मंशा पर संदेह उत्पन्न कर रहा है, बीते रोज अंकित माफीदार अदालत के माध्यम से पेश हुआ है लेकिन सूत्रों की माने तो नीरज माफीदार पुलिस के वरिष्ठ व आला अधिकारियों से संपर्क करने में लगा हुआ है ताकि एआईआर से अपना नाम कटवा सके।
वहीं मुंह पर तोलिया बांधे एक अन्य अज्ञात आरोपी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है, वहीं अरविंद तिवारी का कहना है कि यहां-वहां से धमकियां आ रही हैं कि अगर एआईआर वापस नहीं लोगे तो तुम्हारे परिवार वालों को एवं तुम को जान से मार देंगे इसके बाद फरियादी द्वारा पुलिस अधीक्षक छतरपुर को इस बारे में आवेदन के माध्यम से अवगत करवाया जा चुका है, उसके बावजूद भी अपराधियों का पुलिस गिरफ्त से दूर होना, पुलिस की भूमिका संदेह  खड़ा हो रहा है, वहीं  आदतन अपराधी प्रवृत्ति नीरज माफीदार एवं अन्य द्वारा अगर अरविंद तिवारी के परिवार पर कोई हमला किया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा,
कहीं ना कहीं इस संगीन मामले में पुलिस अधीक्षक का हस्तक्षेप आवश्यक है एवं अपराधियों को शीघ्र सलाखों के पीछे भेजने का कार्य करना चाहिए नहीं तो कहीं ना कहीं अप्रिय घटना घटने की संभावना है बन रही है। तथा फरियादी के परिवार में डर एवं भय के कारण जीना मुहाल हो गया है।