बच्चों ने रखा रमज़ान मुबारक माह का पहला रोज़
बदायूँ । मजहबे इस्लाम में रमज़ान मुबारक माह की इबादत हर माह की इबादतो से सबसे अफज़ल इबादत है। और रमज़ान मुबारक माह के रोज़े रखकर इवादत करना हर वालिग मुसलमान पर फर्ज हुआ है।
रमज़ान का मुबारक महीना आते ही लोग रोज़ा रखकर इबारतें करना शुरू कर देते हैं। लोगो का मानना है कि रमज़ान मुबारक माह की इबादत सभी माह की इबादतो से अफज़ल इबादत है और अल्लाह की वारगाह में इस इबादत का सबाब भी बहुत ज्यादा मिलता है।
जिसको मद्देनजर रखते हुए सबाब की गरज से इस साल इन बच्चों नें भी रमज़ान मुबारक माह में पहला रोज़ा रखकर इबादत में अपना नाम शामिल कराया है।
1 मज़ा आ गया रोज़ा रखकर .. अरीबा कफील
अल्लाह के करम से आज हमने रमज़ान मुबारक माह की इबादत में पहला रोज़ा रखकर हिस्सा ले लिया है। अल्लाह पाक हमारे रोज़े को कुबूल फरमाये । माशाअल्लाह रोज़ा रखकर मज़ा आ गया अल्लाह आगे रोज़े रखने की हिम्मत दे
2 अल्लाह पाक और रोज़े रखने की हिम्मत दे .... रययान अफ़जल
रमज़ान मुबारक माह का रोज़ा रखकर जो खुशी मिली है उसको मै कभी नहीं भुला सकता हूँ। अल्लाह का लाख लाख अहसान है कि मुझे रोज़े का बिल्कुल भी अहसास ही नहीं हुआ अल्लाह से दुआ हझ अल्लाह और रोज़े रखने की हिम्मत दे।
3 खुशी खुशी मुकम्मल हो गया रोज़ा ... अलशिफ़ा सरताज़
अल्लाह के करम से आज हमें भी रमज़ान मुबारक माह का रोज़ा रखने का मौका नसीब हो गया बैसे तो हमें बहुत डर था कि पता नहीं रोज़ा कैसे पूरा होगा मगर अल्लाह के करम से हसीं खुशी पूरा हो गया ।