अलीगढ़ 18 दिन से वधीपुर में फंसे 12 बराती, दुल्हन की नहीं हुई वदाई
अलीगढ़ के कोतवाली अतरौली क्षेत्र के गांव बिधिपुर में लॉक डाउन के चलते शादी के 18 दिन बाद भी दुल्हन की विदाई नहीं हो सकी है। बरात में आए 12 लोग भी 21 मार्च से यही फंसे हैं। प्रशासन की टीम भी यहां रुके लोगों को एक वक्त का खाना आदि मुहैया करा रही है। एक समय का खाना घर वालों की तरफ से मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी सभी का चेकअप किया जो सभी स्वस्थ है। 22 मार्च को थी शादी। शादी तो हुई लेकिन पहले जनता कर्फ्यू व् फिर लॉक डाउन के चलते विदाई नहीं हो सकी। अब बाराती लॉक डाउन के खुलने का कर रहे हैं इन्तजार I
- दरअसल अतरौली के गांव बिधिपुर में नरपत सिंह आर्य की बेटी सावित्री आर्य की शादी 22 मार्च को थी। बारात झारखंड के धनबाद जिले की तहसील के गांव बेली से आई थी। दूल्हा, दूल्हे के भाई बहनों सहित करीब 12 लोग 21 मार्च की रात करीब 9:00 बजे बरात लेकर गांव बिधिपुर पहुंचे थे। 22 मार्च को दूल्हा विजय कुमार पुत्र रामनाथ के साथ सावित्री आधा की शादी की रस्में पूरी कराई गई। 21 मार्च की रात 8:00 बजे प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में 1 दिन का कर्फ्यू लगा दिया था। इन लोगों को उम्मीद थी कि 23 मार्च को कर्फ्यू खुल जाएगा। दुल्हन समेत सभी 13 लोगों को वापसी का रिजर्वेशन 23 मार्च का था लेकिन उसके बाद 14 अप्रैल तक का लॉक डाउन हो गया और तभी से सभी वाहन भी बंद है, सारे रास्ते बंद है, रेलगाड़ियां तक बंद है। अब सारे बराती यही गांव बिधिपुर में फस कर रह गए हैं। लगातार ये लोग प्रशासन से संपर्क में है जिससे कि अपने गांव झारखंड जा सके।
- लड़की के पिता नरपत सिंह का कहना है कि बारात 21 तारीख की रात 9:00 बजे के करीब आई थी। 22 मार्च को हमारे यहां शादी थी। लेकिन 21 तारीख की रात को मोदी जी का राष्ट्र के नाम संबोधन हुआ जिसमें जनता कर्फ्यू लगा दिया गया था। उसके बाद फिर लॉक डाउन घोषित हो गया। जिसकी वजह से लोग यहां से नहीं जा पाए हैं। इनका 23 तारीख की सुबह 8:00 का रिजर्वेशन था लेकिन लॉक डाउन की वजह से नहीं जा पा रहे। जब से यही घर पर ही इनका अरेंजमेंट किया गया है। हमने प्रशासन को भी सूचना दी थी। वहां से स्वास्थ्य विभाग की टीम आई थी। प्रशासन ने कहा कि जब तक लॉक डाउन है तब तक जाने की कोई व्यवस्था नहीं है। यह बरात झारखंड से आई है।